अतिरिक्त >> मन्नू भंडारी की 20 कहानियां मन्नू भंडारी की 20 कहानियांमन्नू भंडारी
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मन्नू भंडारी की 20 कहानियां पुस्तक का आई पैड संस्करण...
आई पैड संस्करण
संक्रान्ति-कालीन मूल्यों के बीच खंडित व्यक्तित्व का साथ किस तरह आदमी-दर-आदमी को तोड़ता चला जाता है, इस अनुभूति से ‘बन्द दराज़ों का साथ’ में दो-चार होना पड़ा। इस प्रकार के व्यक्तित्व के लिए ज़िन्दगी को उसकी संपूर्णता में जीना न केवल असंभव होता है, बल्कि अपने और सम्पर्क में आने वालों के लिए खंड-खंड में जीने का अनन्त सिलसिला पैदा करते जाना उसकी मजबूरी है। मेरी कहानियों में सबसे अधिक शोर शायद ‘यही सच है’ कहानी का हुआ है। न जाने कितने संकलनों, और अनुवादों और आलोचनाओं में इसे शामिल किया जाता रहा है। हो सकता है, कहानी की कुछ स्थितियों में मैंने अपने-आपको एकात्म भी किया हो, लेकिन मुझे लगता है कि कहानी का केन्द्रीय बिन्दु मेरा अपना अनुभूत सत्य नहीं है, इसीलिए उसे मैं अपनी श्रेष्ठ कहानियों में मानते हुए भी आत्मीय नहीं पाती। इस पुस्तक के कुछ पृष्ठ यहाँ देखें।
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